श्री शुभ संवत 2079, शाके 1944 कार्तिक शुक्ल पूर्णिमा, भौमवासरे चन्द्रग्रहणम ।

कार्तिक शुक्ल पूर्णिमा, दिन मंगलवार, तदनुसार 08 नवंबर 2022 को खग्रास अर्थात पूर्णग्रास चन्द्रग्रहण लगेगा। ज्योतिषीय गणना के अनुसार यह चन्द्रग्रहण भरणी नक्षत्र और मेष राशि पर लगेगा।

यह चन्द्रग्रहण एशिया, आस्ट्रेलिया, उत्तरी अमेरिका, उत्तर-पूर्व यूरोप के कुछ भाग तथा दक्षिणी अमेरिका के अधिकांश भाग से दिखाई देगा। 

यूनिवर्सल टाइम के अनुसार इस चन्द्रग्रहण का प्रारम्भ 01:32 P M से होगा तथा मोक्ष या समाप्ति 7 : 27 P M पर होगी।


यह चन्द्रग्रहण भरणी नक्षत्र और मेष राशि पर लगेगा। अतः  यह चन्द्रग्रहण मेष राशि वाले जातकों के लिए घातक हो सकता है।      वृष राशि के जातकों के लिए यह हानिकारक हो सकता है।      मिथुन राशि और कर्क राशि के जातकों के लिए यह लाभकारी और सुखकारी हो सकता है।   सिंह राशि और वृश्चिक राशि के जातकों के लिए यह सामान्य फलदायी होगा।   कन्या राशि के जातकों का शारीरिक कष्ट बढ़ सकता है।   तुला राशि के जातकों के पति/पत्नी संबंधी परेशानी बढ़ सकती है।   धनु और मकर राशि के जातकों के लिए चिन्ता - व्यथा का कारक हो सकता है। कुम्भ राशि के जातकों के लिए इसका प्रभाव लाभकारी होगा। और अंत में मीन राशि के जातकों के लिए यह समय नुकसान दायक हो सकता है।

** सूतक **

चन्द्र ग्रहण का सूतक स्पर्श समय से 9 घंटा पूर्व प्रारम्भ हो जाता है। धर्मग्रंथों में स्पर्श के समय स्नान और पुनः मोक्ष के समय स्नान करने को कहा गया है। परन्तु मेरी समझ से स्पर्श के समय आप अशुद्ध न हों इतना ही काफी होगा। लेकिन मोक्ष के बाद स्नान अवश्य कर लेना चाहिए। अन्यथा यह दोष तब तक लगा रहता है जब तक कि फिर दूसरा ग्रहण न आ जाए । 

          सूतक लग जाने पर मन्दिर में प्रवेश करना, मूर्ति को स्पर्श करना, भोजन करना, मैथुन क्रिया, यात्रा इत्यादि वर्जित है। बालक, वृद्ध, रोगी अत्यावश्यक में थोड़ा आहार ले सकते हैं।  भोजन सामग्री जैसे दूध, दही, घी इत्यादि में कुश रख देना चाहिए। 

गर्भवती महिलाएँ अपने शरीर को अच्छे से ढक कर रखें। खग्रास ग्रहण में मन्त्र सिद्धि का भी शास्त्रोक्त विधान है।

** भारत (INDIA) के अलग-अलग स्थानों से यह चन्द्रोदय के स्थानीय समायानुसार दिखाई देना प्रारम्भ होगा एवम मोक्ष (समाप्ति) भारतीय समयानुसार शाम को 6 बजकर 19 मिनट पर हो जाएगा। भारत के कुछ प्रमुख स्थानों पर चंद्रोदय / ग्रहण स्पर्श का समय दिया जा रहा है --

वाराणसी -- शाम 5 बजकर 09 मिनट पर स्पर्श ।

इलाहाबाद -- शाम 5 बजकर 14 मिनट पर स्पर्श ।

आज़मगढ़ - शाम 5 बजकर 08 मिनट पर स्पर्श ।

बलिया  --  शाम 5 बजकर 04 मिनट पर स्पर्श ।

बरेली -- शाम 5 बजकर 20 मिनट पर स्पर्श ।

गोरखपुर -- शाम 5 बजकर 06 मिनट पर स्पर्श ।

जौनपुर -- शाम 5 बजकर 11 मिनट पर स्पर्श ।

कानपुर - शाम 5 बजकर 19 मिनट पर स्पर्श ।

लखनऊ -- शाम 5 बजकर 16 मिनट पर स्पर्श ।

देहरादून -- शाम 5 बजकर 22 मिनट पर स्पर्श ।

आरा -- शाम 5 बजकर 04 मिनट पर स्पर्श ।

भागलपुर -- शाम 4 बजकर 53 मिनट पर स्पर्श ।

छपरा -- शाम 5 बजकर 02 मिनट पर स्पर्श ।

दरभंगा -- शाम 4 बजकर 57 मिनट पर स्पर्श ।

गया -- शाम 5 बजकर 03 मिनट पर स्पर्श ।

मोतिहारी -- शाम 5 बजकर 01 मिनट पर स्पर्श ।

मुजफ्फरपुर -- शाम 4 बजकर 59 मिनट पर स्पर्श ।

पटना -- शाम 5 बजकर 01 मिनट पर स्पर्श ।

पूर्णिया -- शाम 4 बजकर 51 मिनट पर स्पर्श ।

सासाराम -- शाम 5 बजकर 06 मिनट पर स्पर्श।

धनबाद -- शाम 4 बजकर 58 मिनट पर स्पर्श।

बोकारो -- शाम 5 बजे स्पर्श ।

राँची -- शाम 5 बजकर 03 मिनट पर स्पर्श।

आसनसोल -- शाम 4 बजकर 56 मिनट पर स्पर्श ।

कलकत्ता -- शाम 4 बजकर 52 मिनट पर स्पर्श ।

सिलीगुड़ी -- शाम 4 बजकर 46 मिनट पर स्पर्श।

भुवनेश्वर -- शाम 5 बजकर 07 मिनट पर स्पर्श।

डिब्रूगढ़ -- शाम 4 बजकर 18 मिनट पर स्पर्श।

गुवाहाटी -- शाम 4 बजकर 33 मिनट पर स्पर्श।

कोहिमा -- शाम 4 बजकर 24 मिनट पर स्पर्श।

भोपाल -- शाम 5 बजकर 36 मिनट पर स्पर्श।

इंदौर -- शाम 5 बजकर 43 मिनट पर स्पर्श।


नोट :- ग्रहण जहाँ से जितने बजे से दिखाई देता है सूतक भी उस जगह पर उसी समय से लगता है। धर्मशास्त्रीय मान्यताएं भी वहीं पर लागू होती हैं तथा उसका फलाफल भी वही पर लागू होता है।


N.B. : पूरे भारतवर्ष में भारतीय समयानुसार शाम 6 बजकर             

          19  मिनट पर यह चन्द्रग्रहण मोक्ष को प्राप्त करेगा।


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