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वैशाख शुक्ल पक्ष पूर्णिमा , बुधवार , तदनुसार 26 मई 2021 को खग्रास अर्थात पूर्णग्रास चंद्रग्रहण लगेगा। ज्योतिषीय गणना के अनुसार यह चंद्रग्रहण वृश्चिक राशि और अनुराधा नक्षत्र में लग रहा है।
चन्द्र - ग्रहण का समय
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ग्रहण का पहला स्पर्श भारतीय मानक समय अनुसार दोपहर में 3 बजकर 15 मिनट पर होगा।
ग्रहण का मध्य अर्थात परमग्रास दिन में 4 बजकर 49 मिनट पर होगा।
ग्रहण का मोक्ष अथवा समाप्ति शाम को 6 बजकर 23 मिनट पर होगा।
** राशियों पर चंद्रग्रहण का प्रभाव
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यह चंद्र - ग्रहण वृश्चिक राशि और अनुराधा नक्षत्र में लग रहा है। अतः वृश्चिक राशि के जातकों पर इस चंद्रग्रहण का प्रभाव सर्वाधिक होगा।
** मेष राशि, सिंह राशि, कन्या राशि, मकर राशि, मीन राशि के जातकों के लिए यह चंद्रग्रहण शुभफलदायक होगा।
* मिथुन राशि, तुला राशि, वृश्चिक राशि, कम्भ राशि के जातकों के लिए यह चंद्रग्रहण विशेष अनिष्टकारी होगा।
* वृष राशि, कर्क राशि और धनु राशि के जातकों पर इस चंद्रग्रहण का प्रभाव नहीं के बराबर होगा।
चंद्रग्रहण कहाँ दृश्य होगा ?
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परिस्थितियाँ कुछ ऐसी बनेंगी कि जिस समय चंद्रग्रहण का स्पर्श होगा तथा मध्य समय रहेगा उस समय भारतीय दृश्य - आकाश से चंद्रमा दिखाई नहीं देगा क्योंकि वह दिन का समय होगा। मोक्ष के समय थोड़ी देर के लिए हमारे देश भारत के पूर्वी क्षितिज पर चंद्रमा का बिम्ब जरूर देखा जा सकता है।
ज्योतिष की भाषा में ऐसे ग्रहण को ग्रस्तोदित - ग्रहण की संज्ञा दी गयी है। पूर्वोत्तर भारत के निम्न स्थानों पर यह चंद्रग्रहण मोक्ष के समय स्वल्प समय के लिए दिखाई देगा -- अगरतल्ला, इटानगर, गुवाहाटी, सिलचर, इम्फाल, डिब्रूगढ़, शिलांग, जोरहट, दिमापुर, कोलकाता, पुरी, भुवनेश्वर, कटक, खड़गपुर इत्यादि।
** ग्रहण का सूतक ----- यह चंद्रग्रहण स्वल्प काल के लिए होगा। मोक्ष के समय ही सही , यह थोड़ी देर के लिए हमारे देश भारत के पूर्वी क्षितिज पर दृश्य होगा । अतः इस चंद्रग्रहण का सूतक मान्य होगा।