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सूर्य ग्रहण , 10 जून 2021 बृहस्पतिवार, ज्येष्ठकृष्ण अमावस्या

ज्येष्ठ कृष्ण अमावस्या , बृहस्पतिवार , 10 जून 2021 को सूर्य और पृथ्वी के मध्य में चंद्रमा आ जाएंगे अर्थात सूर्यग्रहण लगेगा।

इस दिन सूर्य की छवि के करीब 97 प्रतिशत हिस्से को चंद्रमा अवरुद्ध कर लेंगे। अवरुद्ध करने का अधिकतम समय 3 मिनट 51 सेकंड होगा। यह सूर्य ग्रहण कुंडल के आकार के रूप में दिखाई देगा। यह कुंडलाकार पथ " उत्तरी ध्रुव " के ऊपर से गुजरेगा।

यह सूर्यग्रहण अपराह्न 1 बजकर 42 मिनट पर शुरू होगा और शाम 6 बजकर 41मिनट पर समाप्त होगा। हालांकि भारत भूमि पर इस सूर्यग्रहण का कोई धार्मिक महत्व नहीं होने के कारण इसका सूतक नहीं मान्य होगा अर्थात सूतक नहीं लगेगा।

** सर्वविदित है कि कोई भी ग्रहण दृश्य होने पर ही अपने धार्मिक महत्व को प्राप्त करता है। फिर उस पर विचार किया जाता है।

यह सूर्यग्रहण मुख्य रूप से कनाडा, ग्रीनलैंड, उत्तर - पूर्व में रूसी सुदूर पूर्व, पूर्वोत्तर संयुक्त राज्य अमेरिका , चीन के कुछ भूभाग में दृश्य होगा । अरुणाचल प्रदेश के अंतिम छोर पर भी दृश्य होने की संभावना है। हालांकि भारत - भूमि के और किसी भी दूसरे भूभाग में यह सूर्यग्रहण दृश्य नहीं होगा।

वैसे यह सूर्य ग्रहण मृगसिरा नक्षत्र और वृष राशि पर लग रहा है। यह सूर्य ग्रहण कर्क राशि, तुला राशि, कुम्भ राशि, मीन राशि और कन्या राशि के जातकों के लिए शुभफलदायी है।

वृष राशि, सिंह राशि, मेष राशि और धनु राशि के जातकों के लिए अनिष्टकारी है।

शेष के लिए सामान्य फलदायी होगा।

**** सूर्यग्रहण और सूतक ---- भारत भूमि के अरुणाचल प्रदेश के अंतिम छोर के अलावा और कहीं भी यह सूर्य ग्रहण दृश्य नहीं होगा। अतः हमारे देश के लिए इसका कोई धार्मिक महत्व नहीं होगा और सूतक भी नहीं मान्य होगा।

**** सूर्यग्रहण और वट - सावित्री व्रत ****

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बृहस्पतिवार, 10 जून 2021 को ही वट - सावित्री व्रत भी है। वट - सावित्री व्रत सुहागिन स्त्रियां अपने पति की लंबी आयु और सौभाग्य प्राप्ति की कामना को लेकर करती हैं। इस दिन सूर्यग्रहण का सूतक हमारे भारत भूमि पर मान्य नहीं होगा । अतः वट - सावित्री व्रत उसी दिन 10 तारीख बृहस्पतिवार को ही वगैर किसी विघ्न - बाधा के मनाया जाएगा। प्रत्येक वर्ष की तरह ही इस वर्ष भी वगैर किसी संशय के महिलाएं इस व्रत को करेंगी।